Skip to main content

success story lifebuoy -135 साल से तंदुरुस्ती का रक्षक

lifebuoy success story 




success story lifebuoy in hindi -अंग्रेजी शब्द ' लाइफबॉय ' का मतलब है -एयर पिलो जो पानी में डूबने से बचाये , यानि जीवन रक्षक।  lifebuoy ने न सिर्फ दुनिया के सबसे बड़े FMCG corporation , uniliver के लिए अपने नाम के अनुरूप भूमिका निभाई ,बल्कि दुनियाभर के लोगों को हाइजीन को आदत बनाने का संदेश भी दिया  है। 
तो दोस्तों ekzid.com के आज के इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे lifebuoy की success story  जो हमारी रोजाना एक्टिविटीज में एक अहम् भूमिका निभा रहा है। 

वर्षों पहले की बात है एक अंग्रेज किराना दुकानदार विलियम हेस्केथ लीवर ,साबुन निर्माता से ख़रीदे बड़े soap bar को काटकर बेचा करता था। थोड़े समय बाद विलियम लीवर और उनके भाई जेम्स , "सनलाइट "brandname से खुद साबुन बनाने लगे। कुछ समय गुजरने के बाद लीवर बंधुओं ने एक और प्रयोग किया। उन्होंने चर्बी के बजाय oil और glyserin से साबुन बनाया। 
1886 में यह साबुन इतना populer हो गया कि लीवर बंधू हर सप्ताह 450 टन साबुन बनाने के बावजूद मांग की पूर्ति नहीं कर पा रहे थे। 
ऐसे में काम को विस्तार देते हुए लीवर बंधुओं ने मार्से नदी के किनारे भूखंड ख़रीदा और वहां पोर्ट सनलाइट बनाया तथा अपने ब्रांड को यूनिलीवर की ब्रांडिंग दी। 
कुछ ही सालों बाद यहाँ उन्होंने 330 एकड़ भूमि भी खरीद ली। 1894 में लीवर बंधुओं ने सनलाइट साबुन के अवशिष्ट (बचे आयल ) में रोगाणुनाशी कार्बोलिक एसिड के मिश्रण से हलके लाल रंग का एक नया साबुन बनाया और उसका नामकरण किया -lifebuoy . 
1899  में उन्होंने शौकीन ग्राहकों के लिए beauty soap  lux भी लॉन्च किया। अब उनके पास health  और beauty दोनों किस्म के साबुन हो गए। 



लाभदायक परोपकारक बना मूलमंत्र 

18 वीं  सदी में ही औद्योगिक क्रांति हुई। लंकशायर (यूके )में उन दिनों गन्दी बस्तियों में रहने वाले हजारों workers टाइफाइड ,डिसेंट्री और पीला बुखार से परेशान थे। सुधारवादी लोग सरकार पर दबाव दाल रहे थे कि  मजदुर परिवारों को हाइजीन एजुकेशन मिलना चाहिए। लीवर बंधुओं ने इसका बीड़ा उठाया। ऐसा करने के पीछे उनका एजेंडा था फिनोल से बने lifebuoy soap को लोकप्रिय बनाना। 

लाभदायी परोपकार का मंत्र यहीं से uniliver  को मिला ,जिसने आगे चलकर यूनिलीवर व लाइफबॉय को कई बार मार्केट के झटकों से बचाया। 
1895 में लीवर बंधू आमेरिका में एक छोटा दफ्तर खोलकर सनलाइट व lifebuoy soap बेचने लगे। इसके तीन साल बाद उन्होंने कैम्ब्रिज मैसाचुसेट्स में साबुन बनाने की एक छोटी फैक्ट्री लगाई और 1929 तक लीवर ब्रदर्स अमेरिका की तीसरी बड़ी soap manufacturing company  बन गयी.
इसी दौरान procter & gamble  ,colgate pomolive जैसे प्रतिद्वंदी बाजार में उतर रहे थे। ऐसे में 1930 के बाद lux की growth थोड़ी धीमी पड़ी लेकिन प्रतिद्वंदी कंपनियां lifebuoy को थका नहीं पाए। 

तंदरुस्ती की रक्षा करता लाइफबॉय 

जिस तरह इस समय covid 19 पूरी दुनिया में आतंक मचाये हुए हैं ,ऐसे ही 1935 में भारत में महामारी की तरह प्लेग का कहर फैला हुआ था। उन दिनों advertisment का सहज सस्ता व प्रभावी तरीका था - वाल पेंटिंग। तब लीवर ब्रदर्स ने रोगाणुनाशक के रूप में लाइफबॉय को लॉन्च  किया ,  नतीजा ये हुआ के प्लेग से सहमे निर्धन परिवारों ने इसे खुले दिल से अपनाया। 
लीवर बंधुओं ने  अपनी रणनीति के तहत  शहरी मार्किट के साथ देश के ग्रामीण बजारों पर भी ज्यादा ध्यान दिया। याद  करें वो पुराने विज्ञापन जिसमें रोड ढाबे पर बने होदी पर ट्रक ड्राइवर प्रसन्न मुद्रा में लाल साबुन से नहाते हुए दिखाए जाते थे।  
lifebuoy के पंचिंग लाइन 'तंदरुस्ती की रक्षा करता है लाइफबॉय ' लोग आज तक नहीं भूले हैं। मसूर सेंडल ,मार्गो नीम ,हमाम व सिंथॉल ने लीवर के beauty soap लक्स को जरूर छकाया पर health soap lifebuoy को कभी हरा नहीं पाए। 

भारतीय मार्केट में नया अवतार 

1991 के बाद उदारीकरण ने भारतीय मार्केट पर लाइफबॉय की पकड़ ढीली की तो hindustan uniliver ने लाइफबॉय को रीलॉन्च किया पर तेजी से बदलते दौर में  2000 के बाद हार्ड साबुन की पहचान  lifebuoy के लिए बोझ बन गयी थी। इससे पीछा छुड़ाने के लिए लाइफबॉय को पुरे परिवार के नहाने के लिए साबुन को नए अवतार में लांच किया। 
lifebuoy storng  ,lifebuoy fresh ,lifebuoy gold ,व lifebuoy nature प्लस खुसबूदार हो गए। 
रोगाणुनाशक होने के साथ लाइफबॉय ऐसा ब्यूटी सोप बना ,जो कीटाणुओं के साथ बदन को आयल और पसीने से मुक्त करे। 
यही नहीं ' मुल्तानी मिटटी ,नीम व तुलसी युक्त है ' इस पंच लाइन के साथ लाइफबॉय को soft pink colour पैकेजिंग में भी लांच किया गया। 

लाइफबॉय को पॉवर ब्रांड का दर्जा देते हुए lifebuoy liquid handwash को इस पहचान के साथ लांच किया गया कि ये हाथों को इन्फेक्शन से बचायेंगे। इसके तीन वर्जन - active care  ,gentle care  व herbel care मार्किट में आये।lifebuoy shampoo के भी तीन वर्जन है -protien health ,herbel health  व anti dandruff shampoo । इसके अल्वा लाइफबॉय ने  telcom powder भी लांच किया है। 

किफायती मूल्य और ग्राहक से सीधा संवाद 

lifebuoy bath soap  ,liquid handwash  , senetizer  या telcome  को हिंदुस्तान यूनीलीवर ने ' यू विल बी हैल्थी इफ यू यूज़ लाइफबॉय ' जैसी पंच लाइन के साथ प्रमोट करते हुए customer से सीधे सवाल पूछे - आज लाइफबॉय से नहाया क्या ?
इस सोची समझी ब्रांडिंग का नतीजा ये है  कि  हमारे देश में 50 लाख से ज्यादा retailers  लाइफबॉय ब्रांडेड product  बेच रहे हैं।  दुनिया खासकर विकासशील देशों में सबसे जयादा बिकनेवाला jerm protection lifebuoy  ,135 साल बाद भी चिर युवा ब्रांड बना हुआ है ,तो इसका प्रमुख कारण है - ग्राहकों से सीधा संवाद व बेहद किफायती मूल्य। 


  • lifebuoy की ब्रांडिंग स्ट्रेटेजी 

      पैतृक कंपनी के लाभप्रद परोपकार के मंत्र का hindustan uniliver ने भी बेहद चतुराई से उपयोग किया है।         2004 में सुनामी के समय एशिया में राहत कैंपो में लाइफबॉय वितरित किये।
      2005 में भारत -पाकिस्तान में भूकंप आया तो unicef के जरिये पीड़ितों को 2 लाख lifebuoy soap वितरित किये।
 2008 में यूनाइटेड नेशन के साथ 23 देशों में global hand washing day सेलिब्रेट किया। भारत में यूनीलीवर healthy hindustan अभियान भी चलाया। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों खासकर वहां के स्कूली छात्रों को समझाया गया कि कीटाणुनाशक साबुन से हाथ धोने के बाद भोजन करने ,सोने या हाथ मिलाने से हम कई रोगों से बचते हैं और lifebuoy यही करता है।  



दोस्तों ये थी लाइफबॉय की success story उम्मीद है आपको पसंद आई आप हमें comment कर सकते हैं और social media पर share भी कर सकते है।
अपना कीमती वक़्त देकर इस पोस्ट को पड़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !



Comments

Popular posts from this blog

Everyday is a second chance in hindi

3 magical words who can change your life in hindi