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50 rupey se banaya 40 karod ka business in hindi




दुनिया मे success stories की कमी नही है पर कुछ कहानियाँ सचमुच awesome होती हैं ऐसी ही एक कहानी है जो enterpreneurship की दुनिया मे achivements की अनगिनत कतार लिये खड़ी है।  जिसने milleniors की सूची मे अपनी जगह बनाई है। अपने business skills की बदौलत इसने न केवल peoples को अपनी तरफ attract किया है,बल्किअपनी एक अलग पहचान भी बनाई है। चलिये जाने क्या है ये success story... 

कहानी शुरू होती है kolkata के एक business family के एक युवक अभिषेक रूंगटा से उन्होने enterprenur का सफर 19 वर्ष से शुरू किया,जब वे collage मे थे। graduation के दौरान job skills सीखने के लिये अभिषेक ने citybank मे salesman की job कर ली,पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इसी दौरान एक road accident मे उनका पैर चोठिल हो गया और उन्हे तीन महीने आराम की सलाह दी गई। इन वक्त का अभिषेक ने बेहतर इस्तेमाल किया और अपनी computer skills को धारदार बनाया। 
उन तीन महीनो मे उनकी दिलचस्पी कम्प्यूटर मे बढ़ी और इससे related चीजें वे सीखते रहे। फिर उन्होने घर पर ही animation तैयार करना शुरू कर दिया और कुछ projects हाथ मे लिये। इन्हे successfuly पूरा करने के बाद उन्होने IT मे आगे बड़ने की सोच के साथ एक company मे job के लिये apply किया।लेकिन उन्हे animation की नही HTML के जानकार की जरुरत थी,इसलिये वहाँ से खाली हाथ लौटकर एक bookstore से HTML पर एक book खरीदी और इसे सीखना शुरू किया। 

पहला वेंचर और खाया धोखा

कुछ समय बाद 1997 मे अभिषेक ने एक e-mail service सेंटर शुरू किया।तब internet का concept बहुत नया था परिवार से 46,000 रुपए उधार लिये और इस center के लिये अभिषेक ने 30,000 रुपए internat service प्रोवाइडर को दिये और बाकी दूसरी जरुरतो पर खर्च किया। लेकिन कुछ ही दिनों मे सर्विस प्रोवाइडर ने अपना business बंद कर दिया और अपने सभी क्लाइंट्स के रुपए लेकर फरार हो गया।इससे अभिषेक को बडा झटका लगा,लेकिन उन्होने हार नही मानी और एक नई शुरुआत करने की ठानी।

50 रुपए से नई शुरुआत

इस बार वे ऐसे रास्ते तलाश रहे थे जिनमे ज्यादा निवेश की जरुरत न हो। इसी मकसद से उन्होने tecnologhy expo जाना शुरू किया।यहाँ उन्होने महसूस किया कि ऐसे एक्स्पो के जरिये लोग अपने बिजनेस को बडाने मे सफल हो रहे थे।अभिषेक ने भी अपने website desgining skills को प्लेटफोर्म देने के लिये एक्स्पो मे स्टोल रेंट पर लिया।यहाँ अभिषेक ने अपनी वेबसाइट डिजाइनिंग का प्रचार handbills के जरिये किया,जिसमे उन्हे मात्र 50 रुपए का खर्च आया। यही नही brandname भी वही तय हुआ और इस तरह इंडस नेट टेक्नोलॉजी (inds net tecnoldgy) का जन्म हुआ। इस तीन दिन चले एक्स्पो मे अभिषेक ने दो प्रजेक्ट्स हासिल किये। इन दोनो projects के लिये उन्हे 20,000 रुपए मिलने तय हुए जिसका 50 प्रतिशत एड्वान्स के तौर पर मिला।

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web hosting service ने दिलाई तरक्की

अब अभिषेक के लिये दो क्लाइंट के साथ शुरू हो चुके अपने bussiness को मैनेज करना जरुरी था। इसके लिये उन्होने काफ़ी research की और कई किताबें पढ़ी। इसी बीच उनसे वेब होस्टिंग सर्विस के बारे मे कई लोगों ने पूछताछ की। इससे अभिषेक को महसूस हुआ की इस field मे कुछ ही expert थे जो अपनी service के लिये मोटी फीस माँग रहे थे। उन्होने इसका हल ढूंढते हुए वेब होस्टिंग प्रदान करने वाली एक italian company से सम्पर्क किया,जो की भारतीय कंपनियों द्वार ली जानेवाली फीस का 20% ही चार्ज कर रही थी। उन्होंने इस कंपनी की सर्विस को भारत मे उप्लब्द करवाने के लिये तीन माह का loan भी मंजुर करवा लिया।उसके बाद इस सर्विस की मदद से अभिषेक का बिजनेस तेजी से बडा। इस progress को देखते हुए उन्होने इसी को career के रूप मे अपनाने का फ़ैसला किया।

ब्रेक मे पिछड़ा business

अपने startup के बाद उन्हे अपनी business skills को पैना बनाने की जरुरत महसूस हुई। इसी जरुरत के चलते उन्होने UK कीuniversity मे multimedia मे MA करने के इरादे से अपना बिजनेस बहन के हाथ मे देकर वे uk चले गये। degree लेकर लौटे तो airport के बाहर डोटकोम compenies के होर्डिंग देखकर हैरान रह गए। वे समझ गए कि गुजरे एक साल मे। . com बूम के चलते नए कारोबार खड़े हो चुके हैं और इस लिहाज से वे पिछड़ गए हैं।

कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच बनाई पहचान

अगले कुछ महीनो तक कंपनी को कोई बिजनेस नही मिला। हाथ पर हाथ रख कर बैठना अभिषेक को मंजुर नही था,इसलिये उन्होने global costumers बनाने के प्रयास शुरू किये। खुद को social media पर register किया। इससे 2000 के अंत तक उनके business मे जान लौट आई। इसके बाद उन्होने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज वे kolkata व chennai के अपने office से digitel marketing ,web application और enterprize mobility जैसी services प्रदान कर रहें हैं। 200 से अधिक क्लाइंट्स और 500 से ज्यादा workers के साथ इंडस नेट टेक्नोलोजी का turnover 40 करोड़ पार कर गया।

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Comments

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