Second world war के बाद जहां japan संकटों से जूझ रहा था, वहीं गांव में पला-बढ़ा एक नोजवान सोइचिरो होंडा अपने सपने के पीछे दौड़ रहा था। तमाम संघर्षों के बीच उसने 170 वर्गफीट के shed में 12 worker के साथ motorised bycycle बनाने का कुटीर उधोग स्थापित किया company का नाम रखा गया - होंडा ( Honda ) टेक्नोलॉजी रिसर्च इस्टीटयूट। आइए जानें Honda की success की दिलचस्प story . . . . .
जापान के सर्वोच्च सम्मान ' blue riben ' से सम्मानित सोइचिरो होंडा बचपन में मोटरकार देखते ही उसके पीछे दौड़ पड़ते थे। 17 नवंबर 1906 को japan के एक छोटे से गांव में जन्मे सोइचिरो होंडा के पिता लोहार थे और माँ बुनकर। उन दिनों साइकिल का चलन था , होंडा के पिता सस्ते दाम में टूटी - फूटी साइकिलें खरीदते और उन्हें सुधारकर बेचते थे। सोइचिरो होंडा 15 वर्ष की उम्र में काम की तालाश में tokyo पहुँच गए। 1922 में यहां उन्होंने एक कार मैकेनिक फर्म, आर्ट शोकाई को Trainee की हैसियत से Join किया। नोकरी से छह वर्ष की experience ने उन्हें बनाया ' जापानी हेनरी फोर्ड ' और शोकाई के मालिकों के साथ होंडा ने रेस कर desigh की। 1924 में उन्होंने Riding mecanic की हैसियत से जापान मोटरकार championship में हिस्सा लिया और विजेता बने।
Sports rally में मौत से दो दो हाथ
1927 में आर्ट शोकाई ने 21 वर्ष के सोइचिरो होंडा हमामाव्सू शाखा का Head बना दिया। टोक्यो में भीषण भूकंप के बाद उन्होंने वाहनों के पहियों की लकड़ी की तडियौं को metal ताडियौं में बदला और अनेक खोज का पटेंट प्राप्त कर लिया। इसके बाद होंडा ने piston Rings बनाने के लिए आपनी सारी बचत खर्च कर दी , लेकिन आर्ट शोकाई के मालिक चाहते थे कि वे रेसिंग कार डिजाइन करें। होंडा ने sports car की सबसे बडी समस्या engine cooling का solution खोजा। इसके बाद 1936 में होंडा ने high speed rally में हिस्सा लिया और मरते - मरते बचे। रेस की समाप्ति के समय अनायास रूक गए एक कार 120 km प्रतिघंटा की गति से दौड़ती हुई उनकी कार से टकराई और हवा में तीन बार उछलकर कार टुकड़े - टुकड़े हो गए। होंडा ने तीन माह अस्पताल में गुजारे जिसके बाद चिकित्सकों ने उनके कार रेस में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया।
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Toyota को बेचा पूरा Business
अस्पताल से रिलीव होते ही 1937 में होंडा ने पिस्टन रिंग्स बनाने के लिए अपनी कंपनी स्थापित की Toyota company के अलावा ship building व Aircraft निर्माता कंपनियों से उनकी पिस्टन रिंग्स को अच्छा Response मिला। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान America ने जब जापान पर सबसे ज्यादा बम गिराए तो जापान बर्बाद हो गया है , इस अनुमान के साथ होंडा ने अपना पूरा करोबार टोयोटा को 4.50 लाख येन में बेच दिया। 10 हजार येन से उन्होंने अपने यार्ड में एक Alcohal टैंक इंस्टाल किया और घोषणा कर दी कि वे एक साल तक कुछ नहीं करेंगे।
Honda Accorod ने जमाए पैर
Honda moters ने 1949 में 2 stroke engine ' द ड्रीम ' की लॉन्च के साथ honda bikes सेगमेंट में उतरी। दो साल बाद इसे four stroke engine के साथ लान्च किया, जिसने होंडा को जापान की सबसे बडी बाइक निर्माता कंपनी बना दिया। 1950 में होंडा ' super cub ' बाइक आई, जिसने America में खूब Dhoom मचाई। 1964 में honda motor company दुनिया की सबसे बडी़ motorcycle निर्माता कंपनी बन गई तो सोइचिरो होंडा की कार बनाने की बाल्यकालीन चाह जाग उठी। Augusth 1963 में होंडा मोटर ने mini pickup ट्रक लान्च किया और तीन माह बाद पेश की स्पोट्स कार Honda 5 - 500 । 80 के दशक में होंडा मोटर ने America में होंडा एकाॅई बनाई , जिसने Honda brand को Global Auto mobile उधोग प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँचा दिया।
दुनिया का world class technology
दुनिया की आठवीं व होम country जापान की दूसरी सबसे बड़ी Automobile company, होंडा मोटर की मोटरकार , अपने दूसरे उत्पादों , motorcycle , वाटर क्राप्ट , जेट Aircraft's , power genetator , कृषि उपकरण व रोबोटिक्स समेत 140 देशों में world class technology के लिए मशहूर है। 32 लाख डॉलर के seed capital से जन्मा Honda brand आज सालाना 120 अरब डॉलर से ज्यादा का businrss कर रहा है। america ,canada , india समेत दुनिया के कई देशों में होंडा के असेंबलिंग प्लांट्स हैं। व्यापार हो या व्यवहार , सोइचिरो होंडा गैर परांपरागत तरीके अपनाते थे। उन्होंने उच्च शिक्षा प्रप्त Technocrets को कई बार नकार दिया।
वे कहते थे जमीन से जुडे साधारण तकनीकी ब्रेन ही लीक से हटकर सोचते और खोजतें हैं। school dropouts होंडा का Business मंत्र था - भूलों से सीखो , क्योंकि सफलता में 99% योगदान इनका होता हैं। सोइचिरो होंडा का 5 Augusth 1991 को 85 वर्ष की उम्र में लिवर फेल होने से निधन हुआ , तब दुनिया के Top 10 Automobile ब्रांड में से एक हो गया था - होंडा।
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HI
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