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colgate ki amezing brand story in hindi


शायद ही कोई विश्वास करेगा कि एक अरब से ज्यादा लोगों के दिन की शुरुआत करने वाली popular brand Colgate के founder रोबेर्ट विलियन जो एक किसान के बेटे थे और साधारण शिक्षा प्राप्त की थी। कोलगेट की 200 साल पुरानी कहानी एक ऐसे ही परिवार की कहानी है। 18 वीं सदी के great bretain की काउंटी ओफ कैंट के हुलिंगबर्ग मे 17 जनवरी 1783 को जन्मे रोबेर्ट विलियन गरीबी मे पले- बड़े 15 वर्ष की उम्र मे अपने पैरों पर खड़े होने के इरादे से newyork पहुंच गए।किसान पिता से उन्हे सबक मिला था किमुट्टीभर बीज बोओ और उनकी देखरेख करो तो अनाज के ढेर लग जाते हैं। उनके पास उस वक्त एक ही पूंजी थी - धैर्य और उधमशीलता।
 युवा रोबेर्ट ने newyork मे एक trainee की हैसियत से एक साबुन factory join की लेकिन उनका मकसद नौकरी करना नही बल्कि साबुन production की तकनीक के साथ business संचालन सीखना समझना वे अपने खुद की फैक्टरी व दुकान खोलना चाहते थे। इस दौरान रोबेर्ट अन्य शहर व साबुन reseller से अपने सम्पर्क बनाए। दो साल की इस training के बाद उन्होने newyork की डच street मे साबुन स्टार्च और मोमबतियाँ बनाने का उधोग शुरू किया। उस वक्त 21 साल के रोबेर्ट ने सपने मे भी नही सोचा था कि उसका यह छोटा सा उधोग एक दिन ऐसे product को जन्म देगा जिससे अरबों लोगो के दिन की शुरुआत होगी। 

दो भाइयों का साहस


रोबेर्ट के products की quality के कारण यह जल्दी ही लोगों मे popular हुआ तो सन 1819 मे उन्होने newspaper मे पहला विज्ञापन जारी किया। उत्पादों की दुनिया मे यह पहला विज्ञापन था 1829 मे रोबेर्ट ने अपने भाई विलियन के साथ नई फैक्टरी लगाई। जल्द ही उनके प्रोडक्ट्स america के अन्य शहर मे भी पहुँचने। लगे सबकुछ ठीक था पर दुर्भाग्यवश 18 मार्च 1857 को विलियन कोलगेट का निधन हो गया। उनके बाद उनके बेटे सैमुएल ने business सम्भाला और इस ब्रांड को rename किया colgate & colgate .बाद मे इस ब्रांड ने oral care व cashcare buckel को लांच किया। 
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1873 ग्लास जार मे लौंच हुआ toothpaste


1873 मे company को बडा ब्रेक मिला जब इसने दुनिया का पहला toothpaste ग्लास जार मे launch किया। उन दिनों packaging industry शुरुआती दौर मे थी और tube मे packaging की शुरुआत नही हुई थी। ग्लास जार मे इसे use करना सुविधाजनक नही था। अत: 23 साल बाद टूथपेस्ट दबने वाली ट्यूब के रुप मे re-launch हुआ। इस अवतार की स्लोगन थी 'हम product सुधार नही सकते इसलिये पैकेजिंग सुधार दी। 1906 मे जब company ने अपनी स्थापना के 100 साल पूरे किये तो इसके पोर्टफोलियो मे 800 से ज्यादा प्रोडाक्ट थे और कम्पनी सैमुअल के पांच बेटे सम्भाल रहे थे। 

200 Countries तक पहुँच


उस वक्त colgate के competiters मे johnson & Company सबसे अव्वल थी। कम्पनी के मालिक B.j.johnson के furmula पर यह कम्पनी palm oil और olive oil से बना साबुन बनाती थी जो खूब popular थे। जनसन ने कच्चे माल आधार पर कम्पनी का नामकरण किया - Pamelive .सन 1950 मे पामेलिव व कोलगेट ने परस्पर विलय कर लिया और जन्मी colgate pamelive .विलय के बाद कोलगेट ने चार segment मे - ओरल केयर, pershonal care, pet nutrision products की series लौंच की तब दुनिया के 200 देशों मे कम्पनी के उत्पाद पाहुंचने लगे। 1992 मे china मे संयंत्र स्थापित करने के बाद कोलगेट दुनिया मे सबसे ज्यादा बिकने वाला brand बन गया। 

india मे कोलगेट 


कोलगेट के उत्पाद 1937 मे भारत आए। यहाँ oral care segment मे कम्पनी toothpaste,toothbrush,tooth powder,व tooth whitning ,pershonal care products - Skin care ,hair care ,body wash व saving cream बेचती है। ओरल केयर product मे कोलगेट की protecter and gamble से वैसी ही प्रतिस्पर्धा है जैसी cocacola और pepsi मे अंतहीन युद्ध। आज भी कोलगेट व प्रोटेक्टर एंड गैम्ब्ल उत्पादों मे सुधार कर एक दूसरे को चुनौती देते हैं। costemers के लिये यह प्रतिस्पर्धा फ़ायदे का सौदा है। तो दोनों companies ने भी एक दूसरे का पीछा करते हुए कारोबार बढ़ाया है। 

इसे भी पड़े - facebook की शुरुआत की कहानी 


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Comments

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